Thursday, May 12, 2016

मुक्तक : 833 - नर्म बाँहों में.......



हाथ में झट हाथ मेरा धर लिया उसने ॥
नर्म बाँहों में फटाफट भर लिया उसने ॥
इश्क़ के इज़हार का ढंग सोचता ही था ,
आ के इक़रारे मोहब्बत कर लिया उसने ॥
-डॉ. हीरालाल प्रजापति 

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मुक्तक : 948 - अदम आबाद

मत ज़रा रोको अदम आबाद जाने दो ।। हमको उनके साथ फ़ौरन शाद जाने दो ।। उनसे वादा था हमारा साथ मरने का , कम से कम जाने के उनके बाद जाने दो ...