Tuesday, August 18, 2015

मुक्तक : 752 - ग़मज़दा कर दें ॥






मस्जिदों, कुछ बुतकदों को मैकदा कर दे ॥
कुछ फ़रिश्तों को ख़तरनाक इक ददा कर दे ॥
ख़ुशमिजाज़ आशिक़ को हद से भी ज़ियादा जब ,
इश्क़ में नाकामयाबी ग़मज़दा कर दे ॥
( बुतकदों=मन्दिरों, मैकदा=मदिरालय, ददा=दरिंदा )
-डॉ. हीरालाल प्रजापति




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मुक्तक : 948 - अदम आबाद

मत ज़रा रोको अदम आबाद जाने दो ।। हमको उनके साथ फ़ौरन शाद जाने दो ।। उनसे वादा था हमारा साथ मरने का , कम से कम जाने के उनके बाद जाने दो ...