मस्जिदों, कुछ बुतकदों को मैकदा कर दे ॥
कुछ फ़रिश्तों को ख़तरनाक
इक ददा कर दे ॥
ख़ुशमिजाज़ आशिक़ को हद
से भी ज़ियादा जब ,
इश्क़ में नाकामयाबी ग़मज़दा
कर दे ॥
( बुतकदों=मन्दिरों, मैकदा=मदिरालय, ददा=दरिंदा )
-डॉ. हीरालाल
प्रजापति
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