Sunday, August 16, 2015

मुक्तक : 751 - विलोम ?




है स्वाद में वो विष-सम , प्रभविष्णुता में सोम ॥
ऊपर से लौह सदृश , नीचे विशुद्ध मोम ॥
उद्देश्य गुप्त होगा या उच्च अन्यथा ,
अन्तः से बाह्य को क्यों रखता वो यों विलोम ?
-डॉ. हीरालाल प्रजापति


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मुक्तक : 948 - अदम आबाद

मत ज़रा रोको अदम आबाद जाने दो ।। हमको उनके साथ फ़ौरन शाद जाने दो ।। उनसे वादा था हमारा साथ मरने का , कम से कम जाने के उनके बाद जाने दो ...