Friday, May 15, 2015

मुक्तक : 710 - जन्मा इक किन्नर ने बच्चा !


जो गप्पी लोगों को देता फिरता गच्चा ॥
कैसे मानलूँ है इस बार वो सचमुच सच्चा ?
ढोल जो पीट मुनादी करता फाड़ गले को ,
हट्टा-कट्टा जन्मा रे किन्नर ने बच्चा !!
-डॉ. हीरालाल प्रजापति

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मुक्तक : 948 - अदम आबाद

मत ज़रा रोको अदम आबाद जाने दो ।। हमको उनके साथ फ़ौरन शाद जाने दो ।। उनसे वादा था हमारा साथ मरने का , कम से कम जाने के उनके बाद जाने दो ...