Thursday, October 9, 2014

मुक्तक : 612 - तुझको रक्खेगा मुझसा


तुझको रक्खेगा मुझसा शाद कौन बतला दे ?
तुझको पूछेगा मेरे बाद कौन बतला दे ?
जैसे करता है रब के वास्ते कोई बंदा ,
तुझको मुझसा करेगा याद कौन बतला दे ?
-डॉ. हीरालाल प्रजापति 

No comments:

मुक्तक : 948 - अदम आबाद

मत ज़रा रोको अदम आबाद जाने दो ।। हमको उनके साथ फ़ौरन शाद जाने दो ।। उनसे वादा था हमारा साथ मरने का , कम से कम जाने के उनके बाद जाने दो ...