मेरे गले में
झूम के लूमा ज़रूर था ॥
घण्टों वो मेरे
साथ में घूमा ज़रूर था ॥
लब ना लबों से
अपने मेरे उसने थे छुए ,
लेकिन मुझे अकेले
में चूमा ज़रूर था ॥
-डॉ. हीरालाल
प्रजापति
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मत ज़रा रोको अदम आबाद जाने दो ।। हमको उनके साथ फ़ौरन शाद जाने दो ।। उनसे वादा था हमारा साथ मरने का , कम से कम जाने के उनके बाद जाने दो ...
2 comments:
बहुत खूब ...!!
धन्यवाद ! Lekhika M Shlok जी !
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