उसकी हसीन शक्ल दिल को लूट न जाती !
हाथ आते-आते वो छिटक के छूट न जाती !
बनते ही बनते मेरी ज़िंदगानी फ़लक से ,
शीशे सी गिर ज़मीं पे टूट-फूट न जाती !
-डॉ. हीरालाल प्रजापति
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मत ज़रा रोको अदम आबाद जाने दो ।। हमको उनके साथ फ़ौरन शाद जाने दो ।। उनसे वादा था हमारा साथ मरने का , कम से कम जाने के उनके बाद जाने दो ...
2 comments:
ज़बरदस्त
धन्यवाद ! Lekhika Pari M Shlok जी !
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