Wednesday, April 16, 2014

मुक्तक : 527 - घिनौने फूल को सुन्दर



घिनौने फूल को सुन्दर गुलाब कौन करे ?
कि ठहरे नाले को बहती चनाब कौन करे ?
लिखे हैं मैनें जो बिखरे भले-बुरे से सफ़े ,
उन्हें समेट के अच्छी किताब कौन करे ?
-डॉ. हीरालाल प्रजापति

No comments:

मुक्तक : 948 - अदम आबाद

मत ज़रा रोको अदम आबाद जाने दो ।। हमको उनके साथ फ़ौरन शाद जाने दो ।। उनसे वादा था हमारा साथ मरने का , कम से कम जाने के उनके बाद जाने दो ...