Tuesday, April 15, 2014

मुक्तक : 526 - ना ज़रुरत से ज़ियादा


ना ज़रुरत से ज़ियादा न कम मनाने का II
चलते-चलते न खड़े हो न थम मनाने का II
इतना मस्रूफ़ रहें नापसंद कामों में ,
हमको मिलता ही नहीं वक़्त ग़म मनाने का II
-डॉ. हीरालाल प्रजापति 

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मुक्तक : 948 - अदम आबाद

मत ज़रा रोको अदम आबाद जाने दो ।। हमको उनके साथ फ़ौरन शाद जाने दो ।। उनसे वादा था हमारा साथ मरने का , कम से कम जाने के उनके बाद जाने दो ...