Monday, April 14, 2014

मुक्तक : 525 - क्या वाँ यहाँ क्या सारे ही


क्या वाँ यहाँ क्या सारे ही जहान में पड़े II
ख़ालिस दिखावे झूठ-मूठ शान में पड़े II
औरों की नाँह अपनी वज़्ह ही कमाल है ,
ऊँचे से ऊँचे लोग भी ढलान में पड़े II
-डॉ. हीरालाल प्रजापति 

2 comments:

Unknown said...

"ऊँचे से ऊँचे लोग भी ढलान में पड़े".......waah

डॉ. हीरालाल प्रजापति said...

धन्यवाद ! Shikha Gupta जी !

मुक्तक : 948 - अदम आबाद

मत ज़रा रोको अदम आबाद जाने दो ।। हमको उनके साथ फ़ौरन शाद जाने दो ।। उनसे वादा था हमारा साथ मरने का , कम से कम जाने के उनके बाद जाने दो ...