Thursday, February 5, 2015

मुक्तक : 668 - व्यक्ति अब लगभग मशीनीकृत


भावना की दृष्टि से अध-मृत हुए हैं ॥
व्यक्ति अब लगभग मशीनीकृत हुए हैं ॥
जन्म के कुछ एक नाते छोड़ सचमुच ,
स्वार्थ पर संबंध सब आधृत हुए हैं ॥
-डॉ. हीरालाल प्रजापति 

मुक्तक : 948 - अदम आबाद

मत ज़रा रोको अदम आबाद जाने दो ।। हमको उनके साथ फ़ौरन शाद जाने दो ।। उनसे वादा था हमारा साथ मरने का , कम से कम जाने के उनके बाद जाने दो ...