Tuesday, January 13, 2015

अकविता (8) - कितना अच्छा था वह ?


उसके मरने के बाद -
कितना क़ीमती था वह ?
कितना उपयोगी था वह ?
कितना अच्छा था वह ?
और भी न जाने क्या-क्या वह था ?
जो उसे मैंने कभी नहीं समझा ,
कभी नहीं कहा -
पता चला ।
-डॉ. हीरालाल प्रजापति


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