Monday, December 8, 2014

गीत ( 4 ) : रह सतर्क देना वक्तव्य........

रह सतर्क देना वक्तव्य ॥
यदि निंदा भी करे तो सुन ,
ब्याज स्तुति के ढंग को चुन ,
शब्द प्राण हर सकते हैं ,
गाली भी बक जो हो श्रव्य ॥
हर रहस्य का पर्दा फाड़ ,
मुर्दा सड़ा-गला भी उखाड़ ,
यदि हो लाभ तो निःसन्देह –
अन्यथा चुप रहना ही भव्य ॥
कह ग़ज़लें या कहानी कह ,
बात पुरानी-धुरानी कह ,
किन्तु भूर्ज पत्रों को अब
कह चिकने कागज़ अति नव्य ॥

-डॉ. हीरालाल प्रजापति 

No comments:

मुक्तक : 948 - अदम आबाद

मत ज़रा रोको अदम आबाद जाने दो ।। हमको उनके साथ फ़ौरन शाद जाने दो ।। उनसे वादा था हमारा साथ मरने का , कम से कम जाने के उनके बाद जाने दो ...