कब वो मेरा है मेरे हुस्न का फ़िदाई है ।।
उसको बस जिस्म से ही मेरे आश्नाई है ।।
ख़ूबसूरत रहूँगी तब ही तक वो चाहेगा ,
मानूँ न मानूँ वलेकिन यही सचाई है ।।
-डॉ. हीरालाल प्रजापति
■ चेतावनी : इस वेबसाइट पर प्रकाशित मेरी समस्त रचनाएँ पूर्णतः मौलिक हैं एवं इन पर मेरा स्वत्वाधिकार एवं प्रतिलिप्याधिकार ℗ & © है अतः किसी भी रचना को मेरी लिखित अनुमति के बिना किसी भी माध्यम में किसी भी प्रकार से प्रकाशित करना पूर्णतः ग़ैर क़ानूनी होगा । रचनाओं के साथ संलग्न चित्र स्वरचित / google search से साभार । -डॉ. हीरालाल प्रजापति
मत ज़रा रोको अदम आबाद जाने दो ।। हमको उनके साथ फ़ौरन शाद जाने दो ।। उनसे वादा था हमारा साथ मरने का , कम से कम जाने के उनके बाद जाने दो ...
1 comment:
With havin so much content do you ever run into any problems of plagorism or copyright violation? My blog has
a lot of completely unique content I've either authored myself or outsourced but it appears a lot of it is popping
it up all over the web without my agreement.
Do you know any ways to help prevent content from being ripped off?
I'd definitely appreciate it.
Here is my page ... this domain
Post a Comment