Sunday, December 6, 2015

मुक्तक : 786 - हिज़्र में तेरे






आता नहीं तू याद फिर भी याद करूँगा ॥
आती हँसी है तब भी सिर्फ़ आह भरूँगा ॥
वादा जो कर लिया है तुझसे हिज़्र में तेरे ,
जब तक जिऊँगा तेरे ही लिए मैं मरूँगा ॥
-डॉ. हीरालाल प्रजापति



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मुक्तक : 948 - अदम आबाद

मत ज़रा रोको अदम आबाद जाने दो ।। हमको उनके साथ फ़ौरन शाद जाने दो ।। उनसे वादा था हमारा साथ मरने का , कम से कम जाने के उनके बाद जाने दो ...