Wednesday, May 15, 2024

मुक्तक

वो मिलने किसी से अरे होके पागल ।।

लगाकर घटाओं का ऑंखों में काजल ।।

चले हैं पहन काले काग़ज़ के कपड़े ,

तो बरसें , न बरसें ये सोचें वो बादल ।।

-डाॅ. हीरालाल प्रजापति 

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मुक्तक : 948 - अदम आबाद

मत ज़रा रोको अदम आबाद जाने दो ।। हमको उनके साथ फ़ौरन शाद जाने दो ।। उनसे वादा था हमारा साथ मरने का , कम से कम जाने के उनके बाद जाने दो ...