Tuesday, August 2, 2016

मुक्तक : 853 - तड़पूँ तुम्हारे वास्ते



तड़पूँ तुम्हारे वास्ते , न आह अब भरूँ ॥
हूँ तो निसार अब भी पर न पहले सा मरूँ ॥
विस्मृत नहीं किया है किन्तु ये भी सत्य है ,
अब नाम का तुम्हारे जाप मैं नहीं करूँ ॥
-डॉ. हीरालाल प्रजापति

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मुक्तक : 948 - अदम आबाद

मत ज़रा रोको अदम आबाद जाने दो ।। हमको उनके साथ फ़ौरन शाद जाने दो ।। उनसे वादा था हमारा साथ मरने का , कम से कम जाने के उनके बाद जाने दो ...