Thursday, September 17, 2015

मुक्तक : 765 - वो क्या मुझे जगाएगा ?



वो क्या मुझे जगाएगा जो ख़ुद ही सो रहा ?
वो क्या मुझे हँसाएगा जो ख़ुद ही रो रहा ?
हिम्मत-ओ-हौसला वो क्या दिलाएगा मुझे ,
जो ख़ुद हिरास में है लस्त-पस्त हो रहा ?
( हिरास = निराशा , आशंका )
-डॉ. हीरालाल प्रजापति

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मुक्तक : 948 - अदम आबाद

मत ज़रा रोको अदम आबाद जाने दो ।। हमको उनके साथ फ़ौरन शाद जाने दो ।। उनसे वादा था हमारा साथ मरने का , कम से कम जाने के उनके बाद जाने दो ...