Sunday, October 25, 2015

मुक्तक : 775 - चूहे की दुम



कर दोगे मुँह से शेर के चूहे की दुम उसे ॥
होशो-हवास लूट के कर दोगे गुम उसे ॥
इक बार सिर्फ़ोसिर्फ़ हाँ बस एक बार ही ,
दिखला दो अपना हुस्न जो बेपर्दा तुम उसे ॥
-डॉ. हीरालाल प्रजापति 

मुक्तक : 948 - अदम आबाद

मत ज़रा रोको अदम आबाद जाने दो ।। हमको उनके साथ फ़ौरन शाद जाने दो ।। उनसे वादा था हमारा साथ मरने का , कम से कम जाने के उनके बाद जाने दो ...