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मुक्तक : 948 - अदम आबाद
मत ज़रा रोको अदम आबाद जाने दो ।। हमको उनके साथ फ़ौरन शाद जाने दो ।। उनसे वादा था हमारा साथ मरने का , कम से कम जाने के उनके बाद जाने दो ...
5 comments:
धन्यवाद । अनिता सैनी जी ।
सुंदर
सुंदर रचना
धन्यवाद । नीलांश जी ।
धन्यवाद । ओंकार जी ।
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