Friday, October 25, 2019

मुक्तक : 929 - चुस्कियाँ



याद में ; यार की ; हिचकियाँ ली गयीं ।।
गीत गाते कई मुरकियाँ ली गयीं ।।
दिल हुआ गर नशे का तो दारू नहीं ,
प्याले में चाय की चुस्कियाँ ली गयीं ।।
-डॉ. हीरालाल प्रजापति

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मुक्तक : 948 - अदम आबाद

मत ज़रा रोको अदम आबाद जाने दो ।। हमको उनके साथ फ़ौरन शाद जाने दो ।। उनसे वादा था हमारा साथ मरने का , कम से कम जाने के उनके बाद जाने दो ...