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मुक्तक : 948 - अदम आबाद
मत ज़रा रोको अदम आबाद जाने दो ।। हमको उनके साथ फ़ौरन शाद जाने दो ।। उनसे वादा था हमारा साथ मरने का , कम से कम जाने के उनके बाद जाने दो ...
3 comments:
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल बुधवार (18-09-2019) को "मोदी स्वयं सुबूत" (चर्चा अंक- 3462) पर भी होगी। --
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
धन्यवाद । मयंक जी ।
सर बहुत उम्दा लेखन ।
पर पढ़ ने में बहुत मुश्किल हो रही है कलर हल्का करें कृपया।
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