Sunday, September 8, 2024

ग़ज़ल

 


                                    बड़े प्यार से प्यार अगर कीजिएगा , 

तो पल भर नहीं उम्र भर कीजिएगा।।

ख़ुदारा ख़बर कुछ भी उनकी मिले तो ,

मुझे सबसे पहले ख़बर कीजिएगा ।।

बमुश्किल निकाला है तुमको नज़र से ,

न हॅंसते हुए दिल में घर कीजिएगा ।।

नहीं चाहकर भी तुम्हें चाह बैठूॅं ,

कुछ अपना यूॅं मुझ पर असर कीजिएगा ।।

भले सख़्त नफ़रत से लेकिन क़सम से ,

कभी मेरी जानिब नज़र कीजिएगा ।।

चिकनाई पर से गुज़रना पड़े तो ,

कभी पाॅंव अपने न पर कीजिएगा ।।

मिली है जो रो-रो के ये ज़िंदगी तो ,

इसे हॅंसते-हॅंसते बसर कीजिएगा ।।

-डॉ. हीरालाल प्रजापति

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