चिढ़ है जन्नत से न फिर भी तू जहन्नुम गढ़ ।।
अपने ही हाथों से मत फाँसी पे जाकर चढ़ ।।1।।
तुझको रख देंगी सिरे से ही बदल कर ये ,
शेर है तू मेमनों की मत किताबें पढ़ ।।2।।
तू जगह अपनी पकड़ रख नारियल जैसे ,
एक झोंके से निबौली-बेर सा मत झड़ ।।3।।
बन के क़ाबिल कर ले हासिल कोई भी हक़ तू ,
हाथ मत फैला किसी के पाँव मत गिर पड़ ।।4।।
बनके गंगा पाक रह औरों को भी कर साफ़ ,
इक जगह ठहरे हुए पोखर सा तू मत सड़ ।।5।।
तान सीना सर उठाकर चल है गर मासूम ,
इस तरह से तू ज़मीं में शर्म से मत गड़ ।।6।।
वो जो माल अपना भी औरों पर लुटा रखते ,
उनपे मत चोरी-जमाखोरी की तोहमत मढ़ ।।7।।
पहले चौपड़ ताश ही मा'नी जुआ के थे ,
अब खुले मैदाँ के भी सब खेल हो गए फड़ ।।8।।
सब ग़ुबार अपना निकल जाने दे मेरी हया ,
बाल के गुच्छों सी मत नाली में आकर अड़ ।।9।।
कितना ही कमज़ोर हो पर अपने दुश्मन से ,
होशियारी और सब तैयारियों से लड़ ।।10।।
टाट पे मखमल का मत पैबंद सिल पगले ,
क़ीमती हीरे को लोहे में नहीं तू जड़ ।।11।।
-डॉ. हीरालाल प्रजापति
16 comments:
जी नमस्ते,
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा रविवार(०१ -0३-२०२०) को 'अधूरे सपनों की कसक' (चर्चाअंक -३६२७) पर भी होगी
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का
महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
आप भी सादर आमंत्रित है
**
अनीता सैनी
जय मां हाटेशवरी.......
आप को बताते हुए हर्ष हो रहा है......
आप की इस रचना का लिंक भी......
01/03/2020 रविवार को......
पांच लिंकों का आनंद ब्लौग पर.....
शामिल किया गया है.....
आप भी इस हलचल में. .....
सादर आमंत्रित है......
अधिक जानकारी के लिये ब्लौग का लिंक:
http s://www.halchalwith5links.blogspot.com
धन्यवाद
बन के क़ाबिल कर ले हासिल कोई भी हक़ तू ,
हाथ मत फैला किसी के पाँव मत गिर पड़ ।।4।।
सुन्दर प्रेरक प्रस्तुति
सुन्दर रचना
धन्यवाद । अनिता सैनी जी ।
धन्यवाद । कुलदीप ठाकुर जी ।
धन्यवाद । शालिनी कौशिक जी ।
धन्यवाद । ओंकार जी ।
आज पहली बार आपके ब्लॉग पर आई और बहुत ही प्रभावित हुई आप बहुत ही अच्छा लिखते हैं
धन्यवाद । अनु जी ।
बहुत शानदार प्रस्तुति।
धन्यवाद । मन की वीणा जी ।
बेहतरीन ग़ज़ल
बहुत ही प्रेरणादायक प्रस्तुति🙏
वाह!बहुत बढ़िया सर।
सादर
अच्छी जानकारी !! आपकी अगली पोस्ट का इंतजार नहीं कर सकता!
greetings from malaysia
द्वारा टिप्पणी: muhammad solehuddin
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