Saturday, February 17, 2018

मुक्त मुक्तक : 876 - रक्तरंजित


मैंने पाया है क्या और किससे हूँ वंचित ?
पूर्ण कितना हूँ मैं और कितना हूँ खंडित ?
 भेद पूछो जो क्या है मेरी लालिमा का ,
 जान जाओगे मैं कितना हूँ रक्तरंजित ?
   -डॉ. हीरालाल प्रजापति

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मुक्तक : 948 - अदम आबाद

मत ज़रा रोको अदम आबाद जाने दो ।। हमको उनके साथ फ़ौरन शाद जाने दो ।। उनसे वादा था हमारा साथ मरने का , कम से कम जाने के उनके बाद जाने दो ...