Sunday, December 15, 2024

सूर्य

 











जुगनुओं का भी न जो दीदार कर पाया ,

वो चला है सूर्य से ऑंखों को करने चार !!

इस तरफ़ से उस तरफ़ पुल से न जो पहुॅंचा ,

तैरकर सागर को वो करने चला है पार !!

सब ही कहते हैं कि वो ये कर न पाएगा ,

दो ही दिन में घर को बुद्धू लौट आएगा ,

बस मुझे ही क्यों न जाने पर हक़ीक़त में ,

फ़त्ह पर उसकी न होता शक़ तुनक इस बार !! 

-डॉ. हीरालाल प्रजापति

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