Saturday, April 9, 2022

अस्लीयत

 











हाॅं ! बहुत लोग न पर सच में चंद होते हैं ।‌।

सर झुकाकर भी जो ख़ासे बुलंद होते हैं ।।

कितने ही लगते हैं सूरत से अहमक़ ओ नादाॅं ,

अस्लीयत में जो बड़े अक़्लमंद होते हैं ।।

-डॉ. हीरालाल प्रजापति


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