याद तेरी जहाँ पे मुझको तड़फड़ाती है ।।
आँख जिस जा पे जा के आँसू टपटपाती है ।।
मुझको जाना न चाहिए वहाँ कभी लेकिन ,
चाल मेरी मेरे क़दम वहीँ बढ़ाती है ।।
-डॉ. हीरालाल प्रजापति
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मत ज़रा रोको अदम आबाद जाने दो ।। हमको उनके साथ फ़ौरन शाद जाने दो ।। उनसे वादा था हमारा साथ मरने का , कम से कम जाने के उनके बाद जाने दो ...
2 comments:
लाजवाब प्रस्तुति...
नयी पोस्ट@बधाई/उफ़ ! ये समाचार चैनल
नयी पोस्ट@बड़ी दूर से आये हैं
धन्यवाद ! Prasanna Badan जी !
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