Monday, June 17, 2019

मुक्तक : 573 - अक़्ल



हैं उसके अक़्ल वाले द्वार बंद देखिए ।।
लेकिन दयालुता भरी पसंद देखिए ।।
करता है आज कौन उल्लुओं से दोस्ती ,
भैंसों से प्यार करता अक़्लमंद देखिए ।।
-डॉ. हीरालाल प्रजापति
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मुक्तक : 948 - अदम आबाद

मत ज़रा रोको अदम आबाद जाने दो ।। हमको उनके साथ फ़ौरन शाद जाने दो ।। उनसे वादा था हमारा साथ मरने का , कम से कम जाने के उनके बाद जाने दो ...