Friday, March 22, 2019

रँग डाला........


मैंने सत्य मानों प्रेमवश , 
बुरी तरह तुमको रँंग डाला ।।
सच बोलूँ मैं माथ शपथ धर , 
बुरी तरह उनको रँंग डाला ।।
किंतु हाय तुम दोनों ने मिल , 
इक प्रतिकार की भाँति पकड़ फिर ,
भाँति भाँति के वर्ण घोलकर , 
बुरी तरह मुझको रँग डाला ।।
-डॉ. हीरालाल प्रजापति

3 comments:

सुशील कुमार जोशी said...

शुभकामनाएं रंगों के त्योहार की।

डॉ. हीरालाल प्रजापति said...

आपको भी अनंत शुभकामनाएँँ.......

डॉ. हीरालाल प्रजापति said...

बहुत बहुत धन्यवाद ! शास्त्री जी ।

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