Thursday, November 28, 2024

अंदाज़ ए बयाॅं

 











अंदाज़ ए बयाॅं मेरा न औरों सा और था !!

कहने का भी मुझमें न सलीका न तौर था !!

अल्फ़ाज़ असरदार न आवाज थी बुलंद ,

सच फिर भी किसी दौर में मेरा भी दौर था !!

-डाॅ. हीरालाल प्रजापति 

मुक्तक : 948 - अदम आबाद

मत ज़रा रोको अदम आबाद जाने दो ।। हमको उनके साथ फ़ौरन शाद जाने दो ।। उनसे वादा था हमारा साथ मरने का , कम से कम जाने के उनके बाद जाने दो ...