Friday, December 14, 2018

मुक्त मुक्तक : 890 - तस्वीर



फूलों सी खिलखिलाती , तारों सी झिलमिलाती ।।
आँखों को हर किसी की बेसाख़्ता लुभाती ।।
वो जिनकी ज़िंदगी को ग़म ने जकड़ रखा है ,
तस्वीर उनकी अक्सर होती है मुस्कुराती ।।
-डॉ. हीरालाल प्रजापति

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मुक्तक : 948 - अदम आबाद

मत ज़रा रोको अदम आबाद जाने दो ।। हमको उनके साथ फ़ौरन शाद जाने दो ।। उनसे वादा था हमारा साथ मरने का , कम से कम जाने के उनके बाद जाने दो ...